विद्युत कर्मचारियों द्वारा 22 जुलाई को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन
निजीकरण के लिए की जा रही दमनात्मक कार्रवाइयों के विरोध में उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता 22 जुलाई को एक बड़ा प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। यह निर्णय विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की एक बैठक में लिया गया, जिसमें सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने एक स्वर में प्रबंधन की दमनकारी नीतियों की निंदा की।

कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार और पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन निजीकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जानबूझकर कर्मचारियों को परेशान कर रहा है। ‘बायोमेट्रिक अटेंडेंस’ जैसे नियमों को लागू करने की आड़ में कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे उनका मनोबल गिर रहा है और कार्य करने का माहौल खराब हो रहा है। इसके साथ ही, कर्मचारियों की पुरानी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है और समस्याओं का समाधान करने की बजाय प्रबंधन दमनकारी नीतियां अपना रहा है।
इस दमनकारी रवैये और निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ, 22 जुलाई को समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर शत-प्रतिशत कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता एकजुट होकर व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण लेकिन जोरदार होगा, जिसमें कर्मचारी अपनी एकता और विरोध की शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया और दमनकारी नीतियों को वापस नहीं लिया गया, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।

कर्मचारी नेताओं ने सभी साथियों से अपील की है कि वे इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लें ताकि प्रबंधन और सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि वे निजीकरण के प्रयासों और दमनकारी नीतियों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।